Ktg news : पैसे की अवैध मांग और धमकी से त्रस्त समन्वयक.. 17 दिन बाद भी जांच नहीं.. क्या पोंडी उपरोड़ा BRC को मिली है ऊँचे अफसरों की ढाल?.
कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 18 सितंबर 2025 : पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में पदस्थ स्त्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) गुलाबदास महंत पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संकुल शैक्षिक समन्वयकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को 1 सितम्बर 2025 को पत्र लिखकर बताया कि था महंत द्वारा लगातार पैसों की अवैध मांग और धमकियां दी जाती हैं, जिससे शैक्षिक समन्वयक मानसिक रूप से परेशान हैं और अकादमिक कार्यों में व्यवधान आ रहा है। लेकिन आज 17 दिन बीत चुके हैं जिला प्रसासन ने मामले में जिले से कोई भी जांच अधिकारी नियुक्त नहीं किये इससे यह झकलता है कि BRC महंत को बचाने कि कोसिस कि जा रही हैं।जानकारी ये भी मिल रही कि BRC द्वारा निरिक्षण के नाम पर CAC लोगो से कोरे कागज़ में हस्ताक्षर भी कराये जा रहे हैं ताकि जांच के दायरे में बच सकें।
दरसल शैक्षिक समन्वयकों ने शिकायत पत्र में माध्यम से आरोप लगाया है कि बीआरसीसी द्वारा फोन कर संकुल अनुदान की राशि मांगी जाती है और पैसा नहीं देने पर भौतिक सत्यापन की धमकी दी जाती है। इससे पहले भी, जब वे बीआरसीसी रहे, तब सत्र 2022-23 और 2023-24 में उगाही की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। पत्र में उल्लेख है कि मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण (सत्र 2022-23) के दौरान प्रशिक्षण हेतु स्वीकृत राशि का गबन किया गया। समन्वयकों और शिक्षकों को राशि नहीं दी गई, जबकि उनसे बिल और वाउचर ले लिए गए। इसके अलावा मरम्मत कार्य, शिविर आयोजन और अन्य कार्यक्रमों में भी प्रधान पाठकों व समन्वयकों से पैसे वसूलने की बात कही गई है। आरोप है कि खनिज न्यास से स्वीकृत गैस चूल्हों की राशि भी फर्म को न देकर व्यक्तिगत रूप से वसूली करने का प्रयास किया गया। साथ ही कुछ प्रधान पाठकों से एक वेंडर को 5-5 हजार रुपये जमा करने के लिए दबाव बनाने की शिकायत भी की गई है।
शैक्षिक समन्वयकों का कहना है कि बीआरसीसी की इस मनमानी और भ्रष्टाचार से सभी अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं। इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की गई है कि गुलाबदास महंत को तत्काल पद से हटाकर किसी अन्य अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए, ताकि शैक्षिक वातावरण सामान्य रह सके और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। लेकिन शिकायत तिथि को 17 दिन बीत गए अब तक ना ही टीम गठित हुई ना ही जांच हुए कुल मिलाकर अधिकारीयों के द्वारा BRC को सरक्षण दी जा रही है, शिक्षा विभाग के इस एक तरफा नीति से कई सवाल खड़े होने लगे हैं। फिलहाल अब देखना होगा कि BRC पर कब तक जांच टीम गठित होती है, ताकि शिकायत करने वाले CAC बयान दर्ज कि जा सकें।


