Monday, October 27, 2025
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ktg mews : कटघोरा में मिड-डे मील योजना पर उठे सवाल: बच्चों को परोसा जा रहा घटिया भोजन.. नाश्ता भी नहीं मिल रहा निर्धारित मेन्यू के अनुसार.

कटघोरा/कोरबा, 18 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन एवं नाश्ता योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सुबह बच्चों को निर्धारित मेन्यू के अनुसार नाश्ता तथा दोपहर में गर्म और पौष्टिक भोजन परोसने का प्रावधान है। योजना का संचालन स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जाता है ताकि ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध हो सके। लेकिन कटघोरा क्षेत्र से आ रही तस्वीरें और शिकायतें इस योजना की वास्तविकता पर सवाल खड़े कर रही हैं।

शासकीय माध्यमिक शाला मोहलाइनभाटा में लापरवाही

वार्ड क्रमांक 8 स्थित शासकीय माध्यमिक शाला मोहलाइनभाटा में एकता महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन किया जा रहा है। समूह की अध्यक्ष मोनेश साहू और सचिव आरती राज हैं। आरोप है कि इनके द्वारा न तो सुबह दिए जाने वाले नाश्ते की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है और न ही दोपहर के भोजन पर।

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि बच्चों को परोसी जा रही दाल में दाल की मात्रा बेहद कम और पानी की मात्रा अधिक है। वहीं नाश्ते में भी शासन द्वारा निर्धारित मेन्यू का पालन नहीं किया जाता। जबकि शासन द्वारा नाश्ते के लिए प्रति बच्चे 7 रुपये और मध्यान्ह भोजन के लिए 10.17 रुपये निर्धारित हैं। इसके अलावा आवश्यक राशन भी शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इसके बावजूद बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन परोसना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।

स्थानीय स्तर की अनदेखी, जिला कार्यालय से कार्य संचालन

नियमों के अनुसार, मध्यान्ह भोजन का संचालन संबंधित स्कूल क्षेत्र के स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जाना चाहिए और इस प्रक्रिया में बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) कार्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन यहां समूह द्वारा स्थानीय बीईओ कार्यालय की अनदेखी कर सीधे जिला शिक्षा विभाग से सहमति बनाकर कार्य संचालन किया जा रहा है। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि योजना का लाभ उठाने और कार्य संचालन अपने पक्ष में कराने के लिए समूह ने जिला स्तर से अनुचित तरीके से सहमति प्राप्त की है।

स्कूल प्रबंधन भी मौन

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि स्थानीय स्कूल प्रबंधन समिति ने भी अब तक समूह की इस लापरवाही पर कोई कार्यवाही नहीं की है। इससे यह साफ झलकता है कि न तो समूह गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करा रहा है और न ही स्कूल प्रबंधन बच्चों के हित में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

योजना की गरिमा पर प्रश्नचिह्न

छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और उनकी शैक्षणिक प्रगति में सहयोग करना है। लेकिन कटघोरा के इस मामले ने साफ कर दिया है कि जमीनी स्तर पर इस योजना को गंभीरता से लागू नहीं किया जा रहा। बच्चों को कमज़ोर और घटिया भोजन परोसना न केवल शासन की मंशा के विपरीत है बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है।