Monday, October 27, 2025
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ktg news : भ्रष्टाचार के घेरे में छुरी नगर पंचायत.. अध्यक्ष-पार्षदों ने CMO के खिलाफ खोला मोर्चा.. लगाए गंभीर आरोप.. जांच की उठी मांग.

कोरबा/कटघोरा, 14 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की छुरी नगर पंचायत एक बार फिर विवादों में घिर गई है। नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) दीपांकर यादव पर भ्रष्टाचार और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। भाजपा पार्षदों, नगर पंचायत छुरी की अध्यक्ष श्रीमती पद्मिनी प्रीतम देवांगन, उपाध्यक्ष हीरानंद पंजवानी, विधायक प्रतिनिधि प्रीतम देवांगन और अन्य जनप्रतिनिधियों ने खुलकर आरोप लगाया है कि लाखों रुपये के कामों को फाइलों में दबाकर रखा गया और बाद में कागजों में हेरफेर कर कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि का आहरण कर लिया गया।

समय से पहले दर्ज, बाद में कराया गया काम

भाजपा पार्षदों व जनप्रतिनिधियों ने दावा किया कि मई माह में कई कार्यों को मेजरमेंट बुक (एमबी) में दर्ज कर दिया गया था, जबकि वास्तविक काम जून माह में कराया गया। इस बीच, कागजों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं। शिकायत के मुताबिक शिशु मंदिर से हाट बाजार होते हुए हुकुम के घर तक पाइपलाइन विस्तार कार्य में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। इसी तरह काली मंदिर मार्ग की पाइपलाइन विस्तार का कार्य कागजों में पहले ही दर्शा दिया गया था, लेकिन जब निरीक्षण के दौरान सच्चाई उजागर हुई तो आनन-फानन में पाइपलाइन बिछाई गई और उसे हल्की सीमेंट की परत से ढककर लीपापोती की गई।

कुर्सी व जिम इक्यूपमेंट की खरीदी में 42 लाख का खेल

भ्रष्टाचार का एक और बड़ा मामला अध्यक्ष और पार्षद निधि से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि 42 लाख रुपये खर्च कर कुर्सियां व जिम इक्यूपमेंट की खरीदी की गईं। खरीदी गई कुर्सियां व जिम में लगाये गए सामान बेहद घटिया किस्म व गुणवत्ताहीन हैं, जबकि बिलों में इन सामानों के ऊँचे दाम दर्शाए गए हैं। पार्षदों का कहना है कि यह सीधा-सीधा सरकारी धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का मामला है।

भाजपा पार्षदों का आरोप – सरकार की छवि धूमिल

भाजपा पार्षदों  व जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि इस तरह की अनियमितताएं न केवल जनता के साथ छलावा हैं, बल्कि भाजपा सरकार की छवि को भी धूमिल कर रही हैं। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय स्तर पर उठे इन गंभीर आरोपों ने नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या यदि मामले में शिकायत के बाद प्रशासम जांच कराती है कि नही या फिर जांच उपरांत  दोषियों पर ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।