Tuesday, October 28, 2025
Latest:
Latest Newsकोरबा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़छत्तीसगढ़ स्पेशल

ktg news : कटघोरा बायपास हुआ जानलेवा..  बारिश में उखड़ी सड़क हुई गड्ढों में तब्दील.. दुर्घटनाओं को दे रहा खुला आमंत्रण.. लोक निर्माण विभाग बना मूकदर्शक.

कोरबा/कटघोरा 17 जुलाई 2025 : कटघोरा नगर के लिए एक समय में राहत का मार्ग समझा जाने वाला रामपुर से ढेलवाडीह होते हुए सुतर्रा तक बना बायपास अब खतरे की घंटी बन गया है। बारिश शुरू होते ही यह बायपास मार्ग अपनी बदहाल स्थिति के कारण लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है। सड़क की परतें उखड़ चुकी हैं और जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जो दिन प्रतिदिन गहराते जा रहे हैं।

यह बायपास मार्ग न केवल कटघोरा बल्कि बिलासपुर, अम्बिकापुर और कोरबा जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन, जिनमें कोयला परिवहन करने वाले ट्रेलर, हाइवा और राखड़ ढोने वाले ट्रक शामिल हैं, गुजरते हैं। भारी वाहनों के अत्यधिक दबाव और बारिश की मार के चलते सड़क की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है।

निर्माण हुआ लेकिन रखरखाव गायब:

लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा इस बायपास मार्ग का निर्माण तो करवाया गया, लेकिन उसके बाद इसके रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि समय के साथ सड़क की स्थिति बद से बदतर होती चली गई। सड़क पर उभर आए गड्ढे न केवल यातायात को बाधित कर रहे हैं, बल्कि यह कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग से गुजरते समय दोपहिया वाहन चालकों और राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी होती है। वाहन गड्ढों में फंसते हैं, फिसलते हैं और कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग की ओर से इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

जरूरत है तत्काल मरम्मत की:

यदि समय रहते इस सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो यह बायपास पूरी तरह से टूटकर जानलेवा मार्ग में तब्दील हो जाएगा। लोगों में रोष है कि विभागीय लापरवाही के चलते आए दिन खतरा बढ़ रहा है और इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। लोगों ने मांग की है कि स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग इस मार्ग की गंभीर स्थिति को समझते हुए शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करें, ताकि लोगों की जान और माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कटघोरा बायपास की यह दुर्दशा केवल एक सड़क की समस्या नहीं, बल्कि एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बनती जा रही है। यदि जल्द ही इसका समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में यहां बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।