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ktg news : कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य को लेकर मचा बवाल: पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से पेयजल संकट गहराया, नगर पालिका ने जनपद को थमाया नोटिस.

कटघोरा 13 जून 2025 : कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्यों को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। इस बार विवाद का केंद्र बना है वार्ड क्रमांक 5 नवागांव, जहां प्राथमिक शाला के जीर्णोद्धार कार्य के दौरान ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर देने से क्षेत्र में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनपद पंचायत कटघोरा द्वारा नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो कि नियमानुसार पूर्णतः गलत है। पूर्व में भी नवागांव क्षेत्र में मरच्यूरी भवन का निर्माण कार्य इसी तरह कराया गया था, जिस पर नगर पालिका परिषद कटघोरा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) श्री ज्ञानपुंज कुलमित्र ने आपत्ति दर्ज कराई थी।

उसके बावजूद जिला प्रशासन और जनपद पंचायत द्वारा एक बार फिर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 5 नवागांव में प्राथमिक शाला का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया। इस कार्य के दौरान ठेकेदार द्वारा लापरवाहीपूर्वक काम करते हुए स्कूल के पास से गुजरने वाली पेयजल पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जिससे स्थानीय निवासियों को पेयजल की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

नगर पालिका ने जताई कड़ी आपत्ति, जनपद पंचायत को भेजा नोटिस

पेयजल संकट को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका परिषद कटघोरा के सीएमओ ने जनपद पंचायत कटघोरा को नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की मरम्मत तत्काल की जाए और जल आपूर्ति को सुचारू रूप से पुनः प्रारंभ किया जाए। नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि यह कार्य बिना समन्वय और अनुमति के कराया जा रहा है, जिससे न सिर्फ नगर की व्यवस्था बाधित हो रही है बल्कि जनता को भी भारी असुविधा हो रही है।

राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप – जनप्रतिनिधियों की अनदेखी

इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप की भी आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता के नाम पर कार्यकर्ताओं द्वारा सत्ता का दुरुपयोग कर ग्राम पंचायतों को नगर क्षेत्र में निर्माण एजेंसी बनाया गया है। इससे न केवल ग्राम पंचायतों के अधिकारों का हनन हो रहा है, बल्कि अब नगर पालिका क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भी अनदेखी की जा रही है। इस पूरे मामले में नगर प्रशासन और जनपद पंचायत के बीच समन्वय की कमी के कारण निर्माण कार्यों में अव्यवस्था फैल रही है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा के अभाव में नवागांव वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अब सबकी निगाहें जनपद पंचायत की ओर हैं कि वह इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है। क्या ठेकेदार को जवाबदेह ठहराया जाएगा? क्या पेयजल संकट से जूझ रहे नवागांव के नागरिकों को जल्द राहत मिलेगी? यह आने वाला समय ही बताएगा।  यह मामला नगर विकास में समन्वय और पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसे मामलों से भविष्य में भी जनता को नुकसान उठाना पड़ सकता है।