कोरबा : बांगों पंचायत में सोशल आडिट में. बड़ा खेला.. पहले पाया सही पुनः आडिट में पाई गई कई गड़बड़ी.. रोजगार सहायक समेत मनरेगा के अधिकारी कर्मचारी संदेह के दायरे में

कोरबा/कटघोरा 25 दिसम्बर 2024 : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए लागू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। हालांकि, इस योजना के तहत भ्रष्टाचार की घटनाएँ समय-समय पर सामने आती रहती हैं। वर्तमान मे पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के प्रत्येक ग्रामो मे सोशल ऑडिट का कार्य चल रहा जहाँ गांव मे मनरेगा के तहत हुए कार्यो का भौतिक सत्यापन किया जा रहा वही सभा कर उक्त कार्यो पर कमियों कों ग्रामीणों व पंचो कों बताया जा रहा, लेकिन इसके विपरीत ग्राम पंचायत बांगो मे रोजगार सहायक के द्वारा बड़ा खेल किया जा रहा ना ही सही से जांच किया जा रहा और ना ही सभा आयोजित की जा रही है।

पुनः सोशल ऑडिट हुआ जिसमें मिले कई फर्जी कार्य
कुछ दिन पूर्व ही बांगो मे सोशल ऑडिट कर्मचारी बांगो पंचायत में भौतिक सत्यापन करने पहुचे थे जिस पर पूर्व में सत्यापन तों किया गया था लेकिन सभी फर्जी सत्यापन किये गए थे। मनरेगा के तहत जितने काम हुए हैं खुलकर भृष्टाचार किया गया जबकि ऑडिटर ने सभी काले कारनामों कों छीपाते हुए सभी कार्यों को सही दर्शा दिया गया था। उक्त सभी काले कारनामो का खुलासा तब हुआ ज़ब ग्रामीणों ने गांव मे पुनः आडिट करने की मांग की। जिसमे जिले के सोशल आडिट अधिकारीयों ने खुद सत्यापन का जांच किया तो पता चला की रोजगार सहायक ने मनमानी तरिके से फर्जी बिल लगाए थे जो काम हुए ही नहीं उसके भी लाखों के भुगतान किये गए। वही वर्तमान मे शौचालय के नाम से भी राशि आहरण की गई। बांगो मे मनरेगा के तहत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पूरी तरह से खराब निकली। इससे निर्धारित बजट का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कई परियोजना के लिए फर्जी मस्टर रोल बनाए गए, जिनमें गलत तरीके से मजदूरी भुगतान किया गया।
16सौ मीटर का मुरुमीकरण मे लगभग 2 लाख का घोटाला, शौचालय व डबरी के नाम पर फर्जी भुगतान
सोशल आडिट मे सत्यापन के दौरान जांच हुई जिसमे 40 शौचालय की पात्रता थी और पास हुआ 36 शौचालय। वही जांच मे 6 फर्जी शौचालय पाए गए, जिनके घर शौचालय ही नहीं बना, वही पूर्व के सभी 36 शौचालय भी अधूरे हैं जिनका फर्जी जिओ टैग कर सभी कार्यों की राशि आहरण कर ली गई। और तों और डबरी निर्माण कार्य मे मस्टर रोल फर्जी बनाया गया यहां के सभी निर्माण काम मे अनियमिता पाई गई, पहाड़ ऊपर सड़क नितमान में मुरुम की जगह मिट्टी डाल दी गई वही सड़क निर्माण के लिए नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाए गए। डेढ़ किलोमीटर के सड़क कार्य सही नही पाया गया साथ ही सड़क बनाने के दिरान रोलर मशीन भी नहीं चलाया गया लेकिन लगभग दो लाख का बिल भुगतान किया गया। यह सारा खेल अधिकारीयों की मिली भगत से ही सम्भव है। वही ग्रामीणों व पंचो द्वारा बार बार भृष्टाचार की शिकायत के बावजूद रोजगार सहायक कों अधिकारी सरक्षण दे है। जिसके कारण बेबाक तरिके से बांगो ग्राम पंचायत मे भृष्टाचार का खेल जारी है।
कार्यों और भुगतान से संबंधित सभी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में होनी चाहिए, स्वतंत्र निकायों द्वारा नियमित रूप से मनरेगा परियोजनाओं का सामाजिक ऑडिट किया जाना चाहिए, भुगतान और कार्य प्रगति की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, एक प्रभावी और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाना चाहिए लेकिन पोड़ी विकास खंड के ग्राम पंचायत बांगो मे शासन के नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है, अब देखना होगा की इतना बड़ा भृष्टाचार करने के बावजूद अधिकारी व जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करते हैं यह देखने वाली बात होगी।
अनियमिता पाई जाने पर होगी कार्यवाही
पोंडी उपरोड़ा जनपद पोंडी उपरोड़ा के मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी मेहता से जब इस विषय पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर सोशल ऑडिट को पुनः कराया गया है। आडिट करने गई टिम ने जांच रिपोर्ट अभी तक नही सौपा है। यदि कार्यों अनियमितता व गड़बड़ी पाई जाती है निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी।
दिलीप मेहता, APO, मनरेगा पोंडी उपरोड़ा

