Monday, October 27, 2025
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Ktg news : जब तक मुआवजा नहीं देंगे रात यही गुजारेंगे : तीन दिनों से किसान चोटिया फेस 1 मे बैठे हैं.. बालको से मुवावजे कि मांग.. बालको प्रबंधन के साथ प्रशासन भी मौन.. बेबस किसानो कि सुनेगा कौन.

कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 29 सितम्बर 2024 : पोड़ी खुर्द क्षेत्र के किसानो का आंदोलन लगातार जारी है तीन रात गुज़ार दिए किसानों ने, लेकिन बालको के कानो मे जुँ तक नहीं रेंग रही, किसान सिर्फ बालको प्रबंधन से मिलना चाहते हैं और अपनी बात उनके सामने रखना चाहते हैं। बीते दिनों ही किसानो ने कलेक्टर अजित वसंत से मुलाक़ात भी कि कलेक्टर ने उन्हें अस्वासन भी दिया लेकिन किसान लगातार विरोध कर रहे है, और जल्द से जल्द फ़सल का हुए नुकसान का मुवावजा मांग रहे हैं।

मांग नही पूरी होने से मजबूरन रात गुजार रहे किसान

किसानो द्वारा शुक्रवार से कर रहे आंदोलन कों लेकर किसानो मे चिंता का विषय बना हुए है आखिर बालको किसानो कों मुआवजा क्यों नहीं दें रहा, यें सवाल किसानो मे गूंज रही है, तीन दिन से ग्रामीणों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनो कों रोक कर रखा है वही किसानो का कहना है चाहे जिस भी परिस्थिति से गुजरना पड़े यहां काम शुरू नहीं होने दिया जायेगा। दरअसल कोरबा जिले के चोटिया में बालको वेदान्ता का माइंस 1 खदान मे राखड़ डंप से परेशान किसानो ने मशीन व हाइवा खदान मे ही बंद करवा दिया है।50 एकड़ से अधिक कि खेती राखड़ से बर्बाद हो गया है जिसके मुआवजा कों लेकर वर्षो से ग्रामीण मांग कर रहे हैं अंततः किसान खदान मे चल रहे वाहनों कों बंद करवा दिया, वही बालको प्रबंधन कों मौके स्थल पर आकर समस्या का समाधान करने व मुआवजा देने कि बात कही है।

कम्पनी के अधिकारी तों नहीं पहुंचे, लेकिन शुभचिंतक जरूर उपस्थित हुए: हुई तीखी बहस

बीते दिनों किसानो कों समझाने व आंदोलन न करने कि बात कहते हुए बालको ने अपने कुछ शुभचिंतकों कों चोटिया खदान भेजा था जहाँ किसानो व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच तीखी बहस भी हुई। वही किसानो ने कहा कि आखिर कार बालको कम्पनी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर क्यों नहीं आ रहे, भला उनकी समस्या का समाधान कम्पनी के शुभचिंतक करेंगे। किसानो ने उन्हें आंदोलन स्थल से जाने कि बात कहते हुए अपना आंदोलन जारी रखा, कहा कि यह आंदोलन तों बहुत ही छोटा रूप है हम शांत रहकर अपनी मांगे रख रहे हैं जल्द ही मांगे पूरी नहीं हुई तों एक बड़ा और उग्र आंदोलन करने उन्हें मजबूर होना पड़ेगा।