कोरबा : रेलवे ठेकेदार कर रहे धड़ल्ले के साथ अवैध रेत का भंडारण.. बिना रॉयल्टी के खपाई जा रही रेत.. शासन को लगा रहे लाखो का चूना.. खनिज विभाग बना मूकदर्शक.
कोरबा/कटघोरा 26 सितम्बर 2024 : जिला खनिज विभाग ने अक्टूबर 2024 तक रेत उत्तखनन व परिवहन कों लेकर प्रतिबंध लगा रखा है, सिर्फ खनिज विभाग की अनुमति से केवल भंडारण के रेत उपयोग करने कि बातें कही गई थी। लेकिन पोड़ी विकास खंड के विभिन्न क्षेत्रो मे बिना अनुमति, बिना रायल्टी के रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रो मे यह खेल निरंतर जारी है, बिना खनिज विभाग की सील के कोई भी वाहन रायल्टी चुकाए बिना रेत का उत्खनन और परिवहन नहीं कर सकता है और जहां से जिस रेत घाट से रेत उत्खनन की अनुमति शासन द्वारा दी गई है वहीं से ही खनन किया जा सकता है। अगर निर्धारित स्थान के अलावा अन्य स्थान से रेत उत्खनन किया जाता है तो पूर्ण रूप से अवैध उत्खनन की श्रेणी में आता है।

रेलवे ठेकेदार कर रहा रेत का अवैध उत्तखनन व भंडारण
पोड़ी विकास खंड के ग्राम पंचायत घुमानीडांड मे बीते कई महीनों से रेलवे ठेकेदार का एक अस्थाई प्लांट संचालित है जिसमे गिट्टी, सीमेंट, रेत कों मिक्स करके रेलवे से संबंधित कार्यों मे उपयोग किया जाता है। लेकिन खनीज से जुड़े प्रत्येक कार्यों मे शासन के नियमों के तहत राजस्व राशि निर्धारित है जिसे खनीज विभाग को रायल्टी शुल्क के रूप मे पटाया जाता है। लेकिन यहां तो कई महीनो से बिना रायल्टी के रेलवे का ठेकेदार रेत का कालाबाजारी कर रहा है। इस कालाबाजारी में दिनरात रेत की ढुलाई कर लाखों रुपए की रायल्टी बचा कर शासन को चूना लगाया जा रहा है। धड़ल्ले से काम करने कों लेकर ठेकेदार व खनीज विभाग कि मिलीभगत होना प्रतीत हो रहा। लेकिन जानकारी के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले से अनजान बनकर कार्रवाई करने से बच रहे है।

प्रधानमंत्री आवास बना अवैध उत्खनन का बड़ा बहाना
जिले में खनिज विभाग के द्वारा रेत उत्खनन कार्य पर प्रतिबंध होने के बावजूद रात दिन ट्रेक्टर सड़क पर रेत परिवहन करते नज़र सहज ही नज़र आ जायेगा। जब ट्रेक्टर चालक से पूछो तो कहते है पहला ट्रिप है और प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए ले जा रहे है। लेकिन यही ट्रेक्टर चालक सुबह से रात तक 5 से ट्रिप रेत परिवहन करते नज़र आएगा। इसका फायदा रेलवे कम्पनी के ठेकेदार उठा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रेलवे ठेकेदार द्वारा अपना अस्थाई प्लांट स्थापित कर बिना रॉयल्टी की रेत खपाया जा रहा है। और शासन को जमकर लाखों का चुना लगाया जा रहा है।

