कोरबा : पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पाली में मिट्टी मुरुम सड़क निर्माण में झोलझाल.. सड़क निर्माण में की गई लीपापोती.. सत्यापन के बाद लांखों कि राशि का किया बंदरबांट.

कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 14 सितम्बर 2024 : छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अंचलों में गाव गाव सड़क बना रही है ताकि लोगों को सुविधा मुहैया हो सके। जहां सीसी सड़क नही बन सकता वहां मिट्टी व मुरुम की सड़क बनाई जा रही है। इस तरह के कार्य मनरेगा के तहत हो रहे है जिससे रोजगार गारंटी के तहत ग्रामीण लोगों को काम मिल सके। लेकिन इस विभाग द्वारा सड़क तो बनाई जाती है लेकिन अधिकारी इन कार्यों में बड़ी लापरवाही भी बरत रहे हैं। कार्यों की गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल खड़े होते है। और सबसे बड़ी बात की कार्य सत्यापन कर बड़ी राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है।
ताज़ा मामला पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक से सामने आया है। जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत पाली में मनरेगा के तहत हुए मिट्टी मुरुम सड़क निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है। जानकारी अनुसार पाली पंचायत अंतर्गत मनरेगा अंतर्गत 3 सड़क निर्माण किया गया। यह सड़क कार्य मिट्टी मुरुम से बनाना था। एक सड़क जिसकी अनुमानित राशि 13 लाख थी। लेकिन इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत 3 सड़क का निर्माण किया गया। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत पाली को बनाया गया। इस कार्य को ग्राम सरपंच व सचिव के द्वारा कराया गया। लेकिन इस कार्य में भारी अनियमितता बरती गई।
बनाना था नई सड़क, लेकिन की गई लीपापोती
मनरेगा के तहत किये गए इस कार्य को ग्राम सरपंच व सचिव के द्वारा कराया गया। इस सड़क को नए सिरे से बनाना था लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच शिव रतन पोर्ते व सचिव हसन के द्वारा इस सड़क पर मिट्टी व मुरुम की हल्की परत डाल कर कार्य पूर्ण कर लिया गया। कार्य का सत्यापन भी कराया गया और सही कार्य का प्रमाणन भी दे दिया गया। और लांखों कि राशि का बंदरबांट कर लिया गया।
बिना कार्य गुणवत्ता के सत्यापन कैसे
सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि मनरेगा के तहत हुए सड़क निर्माण के कार्य को पोंडी उपरोड़ा जनपद के ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग के एसडीओ राजेश कुमार गुप्ता ने सत्यापित कर कार्य को प्रमाणित कर दिया और इसका बिल भी ग्राम पंचायत द्वारा आहरित कर लिया गया। लेकिन क्या इन हुए कार्य को गुणवत्तापूर्ण बनाया गया। यह जाँच का विषय है। जो बात सामने आ रही है जिसमे ग्राम पंचायत और सत्यापनकर्ता के द्वारा पूरे कार्य को अनुमानित लागत से कम में निर्माण किया गया और एक बड़ी राशि का बंदरबांट कर लिया गया।
पहली बारिश में बह गई सड़क, हो गए गड्ढे
पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पाली में हुए मनरेगा के तहत मिट्टी मुरुम सड़क निर्माण होने के कुछ महीने बाद ही पहली बारिश में यह सड़क बह गई। सड़क में बड़े बड़े गड्ढे हो गए। लोगों को आने जाने में भारी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर काम तो हुआ लेकिन गुणवत्ता का ध्यान नही रखा गया। जिसका नतीजा यह है कि सड़क पहली बारिश में ही बह गई और सड़क बुरी स्थिति हो गई।
बहरहाल पोंडी उपरोड़ा वनांचल क्षेत्र होने के कारण दूरस्थ क्षेत्र में अधिकारियों का भी निरीक्षण न के बराबर रहता है और यही कारण है कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य ग्राम पंचायतों में जो समस्या निर्मित हो रही उसका कारण अधिकारियों का स्थल निरीक्षण न करना ही माना जा रहा है। खैर अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस कार्य की जांच विभाग कराएगा? क्या उक्त कार्य मे लापरवाही होने पर संबंधित सत्यापनकर्ता अधिकारी, सरपंच, सचिव पर कार्यवाही होगी?
