कोरबा: पूर्व गृहमंत्री के आरोपों पर उठे सवाल.. बिना तथ्य के टोल प्लाज़ा मामले में कलेक्टर को घेरा.
कोरबा, 25 सितंबर 2025: मदनपुर टोल प्लाज़ा विवाद को लेकर प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने हाल ही में जिला कलेक्टर अजीत बसंत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि कलेक्टर की पत्नी की गाड़ी रोके जाने पर टोल प्लाज़ा के दो कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया। हालांकि, प्रशासनिक सूत्रों और घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, सच्चाई कुछ और ही सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक, घटना के दिन अंबिकापुर से रायपुर जाते समय सचिव स्तर के अधिकारी और उनका स्टाफ मदनपुर टोल प्लाज़ा पहुँचे। वहां टोल प्लाज़ा कर्मियों ने बिना फास्टट्रैक टैग की गाड़ियों को जाने से रोक दिया। इस दौरान अधिकारियों के स्टाफ से दुर्व्यवहार की स्थिति भी बनी। खबर मिलते ही कटघोरा के तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम), थाना प्रभारी समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। जांच के बाद टोल प्लाज़ा में कार्यरत दो कर्मियों को धारा 151 के तहत जेल भेजा गया और काफिले को रवाना किया गया।
इस पूरे घटनाक्रम में कलेक्टर की पत्नी की गाड़ी रोके जाने जैसी बातों का कोई उल्लेख नहीं मिलता है। ऐसे में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के आरोपों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिना तथ्य जाने इस तरह के आरोप न केवल प्रशासनिक कार्यवाही की छवि को प्रभावित करते हैं बल्कि पार्टी की अंदरूनी स्थिति पर भी सवाल खड़े करते हैं।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ननकीराम कंवर द्वारा अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाना भाजपा की अंतर्कलह का संकेत हो सकता है। यह प्रकरण अब केवल प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित न रहकर राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है।

