Tuesday, October 28, 2025
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कोरबा : बांगो ग्राम पंचायत में पीएम आवास योजना में गड़बड़ी, गरीब हितग्राही को राशि लौटाने का दबाव, जेल मे भी डालने कि धमकी कलेक्टर से की शिकायत.

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा 1 मई 2025 :  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्का मकान देने की मंशा को बांगो ग्राम पंचायत में कुछ पंचायत कर्मचारियों की लापरवाही ने पलीता लगा दिया है। ग्राम चर्रा निवासी इंद्रपाल सिंह अगरिया पिता बुद्धू सिंह अगरिया ने कलेक्टर को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए बताया है कि पंचायत कर्मियों की गलती के चलते अब उसे आवास योजना की पूरी राशि वापस करने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि वह पहले ही अपने खर्च और श्रम से आवास पूर्ण कर चुका है।

शिकायत में बताया गया है कि पहले इंद्रपाल सिंह अगरिया के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ था। इसके लिए बांगो पंचायत के पूर्व रोजगार सहायक और मेट ने उनका आधार कार्ड, बैंक पासबुक सहित अन्य दस्तावेज पंचायत में जमा कराए थे। लेकिन बाद में जानकारी मिली कि उनके नाम पर कागजों में आवास पहले से ही ‘पूर्ण’ दिखाया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह थी कि उन्होंने कोई आवास नहीं बनाया था।

इसके बाद पंचायत कर्मचारियों ने इंद्रपाल की पत्नी विनिता बाई अगरिया के नाम से दस्तावेज जमा कराए। विनिता बाई के खाते में आवास योजना की प्रथम किस्त की राशि आई, जिससे उन्होंने आवास निर्माण कार्य शुरू किया और उसे पूर्ण कर लिया। बाद में इंद्रपाल सिंह के खाते में भी आवास की किस्त राशि आई, जिसे उन्होंने भी आवास निर्माण में उपयोग कर लिया। दोनों आवासों का निर्माण नियमानुसार किया गया और पंचायत स्तर के अधिकारियों द्वारा उसका जियो-टैगिंग भी कर लिया गया। इसके बावजूद पंचायत के कर्मचारी पूर्व रोजगार सहायक, मेट व आवास मित्र अब दबाव बना रहे हैं कि आवास की राशि वापस की जाए, जेल मे डालने कि भी धमकी।

इंद्रपाल सिंह ने अपनी शिकायत में कहा, “हमने शासन की योजना का पूरा लाभ उठाते हुए मकान बनाया है। कोई राशि गबन नहीं की गई है। अगर पंचायत कर्मचारियों ने दस्तावेजों की प्रक्रिया में गलती की है, तो उसकी जिम्मेदारी हम पर कैसे डाली जा सकती है? मैं गरीब परिवार से हूं, कहां से पैसे वापस करूंगा?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न तो पूर्व रोजगार सहायक, न मेट और न ही आवास मित्र ने उन्हें सही जानकारी दी, न ही प्रक्रिया को पारदर्शी रखा। अब जबकि दोनों आवास पूरी तरह बन चुके हैं और उपयोग में आ रहे हैं, तो उनसे राशि वापस मांगी जा रही है—जो अन्यायपूर्ण है।

समान नाम बना परेशानी का सबब: प्रशासनिक गलती से आवास हितग्राही प्रताड़ित

हालांकि समान नाम होने की वजह से इंद्रपाल कवर के आवास का लोकेशन इंद्रपाल अगरिया के घर दिखा रहा था। स्थिति की जानकारी संबंधित पंचायत कर्मचारियों को होने के बावजूद समय रहते सुधार नहीं किया गया, क्युकी जाति अलग थे व पिता के नाम भी अलग थे।तकनीकी सिस्टम में इंद्रपाल कवर का लोकेशन जब इंद्रपाल अगरिया के घर पर दिखने लगा, तब आवास मित्र और पूर्व रोजगार सहायक के पास इसे सुधारने का पूरा अवसर था। लेकिन जानकारी होते हुए भी उन्होंने लापरवाही बरती और इंद्रपाल अगरिया के घर का जियो टैग कर कार्य को पूर्ण दिखा दिया गया। अब जब आवास निर्माण पूरा हो चुका है, तो संबंधित अधिकारी अपनी गलती का दोष हितग्राहियों पर डाल रहे हैं। इंद्रपाल अगरिया और उनकी पत्नी पर आवास की पूरी राशि लौटाने का दबाव बनाया जा रहा है, यहां तक जेल मे भी डालने कि धमकी दी जा रही, जबकि यह गलती तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर हुई है।

हितग्राहियो ने इस घटना को गंभीर बताते हुए प्रशासन से न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि हितग्राहियों को प्रताड़ित करने की बजाय, लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, अब पीड़ित ने मांग की है कि कलेक्टर मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी पंचायत कर्मचारियों पर कार्रवाई करें और उसे मानसिक, आर्थिक प्रताड़ना से राहत दिलाएं।

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