Tuesday, October 28, 2025
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ktg news : पालिका अध्यक्ष चुनाव आरक्षण के बाद अब आई दावेदारों की फौज.. कटघोरा ओबीसी मुक्त हुआ.. BJP, कांग्रेस से सामने आए ये ये नाम.. गोंगपा व आप भी दावेदारी में होंगे शामिल.

कोरबा/कटघोरा 9 जनवरी 2024 : पालिकाओं में नए अध्यक्षों के लिए आरक्षण की लॉटरी खुल गई है। कटघोरा नगर पालिका परिषद में इस बार अध्यक्ष पद ओबीसी मुक्त हो गया है। यानी अब यहां पिछड़ा वर्ग से कोई भी महिला, पुरुष चुनाव लड़ सकता है। आरक्षण से पहले इन कटघोरा नगर पालिका में अध्यक्ष पद को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं थीं। मसलन कहीं ओबीसी, तो कहीं महिला उम्मीदवारों के नाम की खूब चर्चा रही। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब अध्यक्ष के चेहरों पर नए सिरे से चर्चाएं होने लगी हैं। जानिए…

कटघोरा नगर पालिका परिषद में इस बार अध्यक्ष पद ओबीसी मुक्त होने से महिला व पुरुष उमीदवारों की चर्चा गरमाने लगी है। इसी के साथ शहर में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। पालिका अध्यक्ष के लिए दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस से कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं। पालिका अध्यक्ष पद के पिछड़ा वर्ग होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों में अध्यक्ष पद के दावेदारों के नाम सामने आने लगे है। दोनों ही दलों के कार्यकर्ता अपने उम्मीदवारों के पक्ष में काम करने की होड़ मची हुई हैं। वही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी भी नगरीय निकाय में अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी में हैं।  शहर के चौक-चौराहों पर इसे लेकर चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। इन सबके बीच कुर्सी की दौड़ पर रोज नए किस्से बन रहे हैं, जिन पर हंसी-ठिठोली भी खूब हो रही है।

कांग्रेस से इन नामों की चर्चाएं तेज़

कटघोरा नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए युवाओं की दावेदारी ने राजनीति को काफी रोचक बना दिया है। राज जायसवाल, हसन अली, कोमल जायसवाल और आशीष जायसवाल जैसे नाम चर्चा में हैं, जो इस बार के चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं। इनमें राज जायसवाल का नाम विशेष रूप से उभरकर सामने आया है। उनकी संगठनात्मक पकड़ और वरिष्ठ नेताओं के साथ बेहतर तालमेल के कारण उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है। कांग्रेस के युवा नेताओं की इस सूची में जो बात खास है, वह है उनकी ऊर्जा और नई सोच, जो पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इतिहास की बात करें तो कटघोरा नगर पालिका में सामान्य वर्ग से कांग्रेस के रतन मित्तल को चार दफा अध्यक्ष पद पर बिठाया था। इस बार की रणनीति में पालिका में पिछड़ा वर्ग से आरक्षण हुआ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस उम्मीदवार पर भरोसा जताती है और कौन अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे निकलता है। पार्टी का सही फैसला नगर में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर सकता है।

भाजपा में सबसे ज्यादा दावेदारों का नाम

कटघोरा नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के दावेदारों की सूची में कई नाम शामिल हैं, जिनमें प्रमुखता से बिरेंद्र मोहन कश्यप, ललिता डिक्सेना, मुरली साहू, बजरंग पटेल, आत्मानारायण पटेल, गायत्री जायसवाल, और सतीश जायसवाल के नाम सामने आए हैं।इनमें से गायत्री जायसवाल और ललिता डिक्सेना पहले भी अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं और उनके अनुभव को पार्टी के लिए एक मजबूत आधार माना जा रहा है। कटघोरा नगर पालिका में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू होने के बाद से भाजपा के नेताओं में इस पद को लेकर प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है और किस प्रकार से अन्य दावेदारों को साथ लेकर चलने की रणनीति अपनाती है।

गोंगपा व आम आदमी पार्टी भी अध्यक्ष की करेंगे दावेदारी

कटघोरा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग मुक्त होने से भाजपा व कांग्रेस से दावेदारों के कई नाम सामने आ रहे हैं तो वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व आम आदमी पार्टी भी अपनी दावेदारी अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तुत करेगी। गोंगपा से शरद देवांगन जो कि पिछली दफा पार्षद चुनाव लड़ा और महज़ कुछ ही मतों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इस बार अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग मुक्त होने से शरद देवांगन अध्यक्ष की दावेदारी करने की बात सामने आ रही है। गोंगपा वार्डों में भी अपने पार्षद पद के प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो पार्टी के प्रदेश मंत्री चंद्रकांत डिक्सेना भी अपनी दावेदारी सुनिश्चित करने की बात कही है साथ आप पार्टी वार्डों में भी अपना प्रत्याशी उतारने की बात कही है।

दोनों प्रमुख दलों के लिए अहम सीट

जनवरी 2025 से मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसे में मतदाता सूची अपडेट होने के बाद नए आंकड़े सामने आएंगे। बता दें कि कटघोरा नगर पालिका परिषद दोनों प्रमुख दलों के लिए अहम सीट मानी जाती है। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच हमेशा सीधी टक्कर रही है। इस बार राज्य में भाजपा की सरकार होने से पालिका सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। भाजपा इसे हर हाल में जीतना चाहती है। जबकि पिछली बार भी पालिका चुनाव में कांग्रेस ने कड़े टक्कर के साथ यह सीट काबिज करने में सफलता पाई थी, कांग्रेस इस बार सत्ता पर काबिज होने के लिए कड़ी रणनीति बना रही है।

कटघोरा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। आरक्षण प्रक्रिया के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दल अध्यक्ष पद के लिए अपने प्रत्याशियों का चयन किस प्रकार करते हैं। नगर में चाय की दुकानों, चौक-चौराहों और गली-मोहल्लों में इस विषय पर चर्चाएं जोरों पर हैं। संभावित प्रत्याशियों के नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, और जनता यह जानने को उत्सुक है कि कौन सा चेहरा इन दलों का प्रतिनिधित्व करेगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल उनकी राजनीतिक पकड़ का आकलन होगा, बल्कि भविष्य की सियासी रणनीतियों पर भी असर पड़ेगा। आने वाले दिनों में टिकट वितरण और चुनाव प्रचार को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां और बढ़ेंगी।