कोरबा : जिले में मनरेगा का हाल बेहाल.. कचरा शेड बना सरपंचों का सिरदर्द.. दबाव पूर्वक कराया गया काम अब ऑनलाइन करने में विभाग कर रहा आनाकानी.
कोरबा 5 दिसम्बर 2024 : कोरबा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का हाल बेहाल है। मनरेगा के तहत जिले में कचरा संग्रहण केंद्र का कार्य 7 माह पूर्व सभी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में कराया गया। यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत होना था लेकिन इसे मनरेगा शाखा द्वारा अधिकारियों द्वारा ग्राम सरपंच से दबाव पूर्वक कराया गया। लेकिन अब स्थिति यह है कि कार्य पूरा होने के बाद बिल भुगतान के लिए सरपंच जनपद का चक्कर काट रहे हैं।
परियोजना की मंजूरी होने के बावजूद इसे ऑनलाइन अपडेट करने में देरी से निर्माण कार्यों और मजदूरी भुगतान में बाधा उत्पन्न हो रही है। सरपंचों और ग्रामीणों को बार-बार अधिकारियों के पास चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी हो रही है। रोजाना विभाग के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया जाता है, लेकिन न जाने किस प्रकार के भ्रष्टाचार की मांग कर रहे हैं। जिसकी वजह से यह समस्या से ग्राम सरपंच व मनरेगा के तहत मजदूरी किये ग्रामीण दर दर भटक रहे हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन?
जिले में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में सरपंचों पर दबाव पूर्वक तो निर्माण कार्य कराया गया लेकिन अब सरपंच जनपद पंचायत के चक्कर लगा लगा कर थक चुके है ऐसे में वे आर्थिक मजबूरी से भी प्रताड़ित हो रहे हैं। मजदूरी किये ग्रामीण सरपंच को मजदूरी भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं। इस स्थिति में सरपंच अब मानसिक तौर से प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं।

