ktg news : कटघोरा से कोरबा रोड पर वनविभाग आवास किनारे बढ़ रहा अतिक्रमण.. फल दुकान से लेकर सब्जी व्यापारी भी पसार रहे अपने पैर.. नगर पालिका व प्रशासन बना मूकदर्शक.

कोरबा/कटघोरा 6 नवम्बर 2024 : कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र में मुख्य सड़क किनारे छोटे व्यापारियों ने कब्जा तो किया ही किया अब शहीद वीर नारायण चौक से कोरबा रोड पर भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा अपना बढ़ाना शुरू कर दिया है। वन विभाग के आवासीय परिसर के बाऊंड्रीवाल के समीप मुख्य सड़क मार्ग पर फल दुकान, सब्जी दुकान, व छोटे छोटे सब्जी दुकानदारों ने अपना कब्जा छोटे रूप से शुरूकर उसी स्थान पर बांस व तिरपाल लगाकर अपना स्थाई दुकान बनाते जा रहे हैं। जिसकी वजह से सड़क की चौड़ाई धीरे धीरे कम होते जा रही है और ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बन रही है।
बतादें की नगर पालिका परिषद कटघोरा प्रशासन ने पूर्व में चौराहे पर हुए अतिक्रमण पर कड़ी कार्यवाही करते हुए चौराहे पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराया था। लेकिन त्योहारी सीजन होने से यहां पर फिर से दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा रखी है। इसका नतीजा धीरे धीरे यह होगा कि यही दुकानदार अपनी बड़ी दुकान बनाकर काबिज होने का प्रयास करते हैं। अब यही हाल मुख्य चौराहे से कोरबा मुख्य सड़क मार्ग का हो रहा है। जहां पूर्व में छोटी दुकान लगाकर अपना व्यापार करने वाले अब अपनी लम्बी चौड़ी दुकान बनाकर व्यापार करने लगे हैं। इस मार्ग पर शासकीय कार्यालय वन विभाग, वन विभाग का आवासीय परिसर, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कटघोरा थाना भी संचालित है।
रेंजर आवास के सामने दोनों तरफ अतिक्रमण
चौक से कोरबा मार्ग पर स्थित वनविभाग का आवासीय परिसर स्थित है और यही पर वन परिक्षेत्राधिकारी ( रेंजर ) एतमा नगर का आवास स्थित है लेकिन आवास के मुख्य गेट के सामने दोनों और फल दुकान व सब्जी दुकानदारों ने अपनी बड़ी दुकान सजा रखी है। यहां तक कि रेंजर साहब क्व गेट के निकासी द्वार पर अपनी चार पहिया मालवाहक गाड़ी को खड़ा कर दिया जाता है जिससे सड़क से रेंजर आवास का पता ही नही चलता है। और आवासीय परिसर के पास सड़क किनारे बहुतायत में दुकानदारों ने अपनी दुकान सजा रखी है।
कटघोरा कोरबा मार्ग पर शासकीय कार्यालय स्थित है जिसकी वजह से ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है। लेकिन सड़क किनारे दुकानों के अतिक्रमण से वाहनों के निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन सबके बावजूद नगर पालिका परिषद व प्रशासनिक अधिकारीयों का इस ओर ध्यान नहीं है जबकि रोजाना अधिकारी व कर्मचारी इस मार्ग से आनाजाना करते हुए नज़र आते हैं लेकिन इन सबके बावजूद विभाग मूकदर्शक बने बैठा है।

