Monday, October 27, 2025
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ktg news : दीपावली नजदीक आते ही नगर में पटाखों का भंडारण शुरू.. रहवासी इलाके में गोदामों में जमा हो रहा विस्फोटक.

कोरबा/कटघोरा 11 अक्टूबर 2024 : दीपावली नजदीक आते ही दुकानदारों ने पटाखे जमा करने शुरू कर दिए हैं। दुकानदार सारे आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए रिहायशी इलाके में पटाखे का भंडार जमा कर रहे हैं। खासतौर पर शहर की संर्कीण रास्ते वाले इलाकों में अवैध गोदामों में पटाखों का भंडारण शुरु हो गया है, जबकि रिहायशी इलाकों में पटाखे स्टोर करने पर बैन है। यही नहीं प्रशासन द्वारा हर वर्ष पटाखों के गोदाम आबादी से दूर बनाने की हिदायते जारी की जाती हैं। लेकिन हिदायतों व खतरों को नजर अंदाज करते हुए पटाखा विक्रेताओं द्वारा भण्डारण जारी है।

कटघोरा के विभिन्न गलियों में बनाए हैं गोदाम

कटघोरा नगर के कई गलियों मे प्रशासन के नाक के निचे विस्फोटक गोदाम बनाया गया है स्थानीय लोगो ने बताया कि बिलासपुर रोड, पुरानी बस्ती, मोहलाइनभाटा, तहसिलभाटा, पुरानी बस्ती, अम्बिकापुर मार्ग तथा नगर के बीचोबीच रहवास क्षेत्र उक्त स्थानो पर काफ़ी घनी आबादी है जहाँ गलियों वाले इलाके में घरों में भी गोदाम बना दिया गया है।विक्रेताओं द्वारा लाखो रुपए के पटाखे जमा किए जा रहे हैं वही हादसे कों नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कभी भी कोई भयानक बड़ा हादसा हो सकता है। पटाखा व्यापारियों ने अपने गोदाम शहर के विभिन्न मोहल्लों में इतनी तंग गलियों में बनाए हैं कि अगर वहां पर कोई हादसा होता है तो वहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

रायपुर व मद्रास से आते हैं पटाखे

कटघोरा नगर में सिर्फ पटाखा गोदाम हैं। यहां पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां नहीं हैं। होलसेलर बताते हैं कि वे रायपुर व मद्रास से पटाखे भारी मात्रा मे लाते हैं। आकाशीय पटाखों की बिक्री यहां सबसे ज्यादा की जाती है। मद्रास या रायपुर से यहां तक पटाखों को लाने मे काफ़ी लम्बी दूरी तय करनी होती है। गोदाम संचालक एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वहां से पटाखे ट्रांसपोर्ट एजेंसी के माध्यम से बुक कर दिए जाते हैं। कहते हैं कि पटाखे का इंश्योरेंस होता है। ऐसे में यदि कोई घटना हुई तो इंश्योरेंश कम्पनी फटाखो मे लागत राशि भुगतान कर देगी।

ये है कार्रवाई के प्रावधान

जो कोई व्यक्ति जानबूझकर या लापरवाही द्वारा किसी विस्फोटक पदार्थ को ऐसे स्थान पर रखेगा, जिससे की मानव जीवन को संकट उत्पन्न होने वाला हो। तब उस व्यक्ति पर भारतीय विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके तहत लापरवाही के आरोपी को कारावास, जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

नगर पालिका कों जांच के लिए नहीं किया जाता है आवेदन

फायर सेफ्टी एवं एक्सप्लोसिव एक्ट के नियमों के अनुसार एक भी पटाखा व्यापारी ने नगर पालिका परिषद को जांच के लिए आवेदन नहीं किया है। उसके बावजूद धड़ल्ले से गोदाम से लेकर दुकानें चल रही है। लाइसेंस जारी होने से नवीनीकरण में खानापूर्ति बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है लेकिन फिर भी कारोबारियों को नहीं डर। इसमें नगर पालिका परिषद भी संदेह के दायरे मे है।

इसलिए कारोबारियों को नहीं डर

अवैध पटाखों की बिक्री और संग्रहण पर पुलिस भारतीय विस्फोटक अधिनियम की धारा 5, 9 तथा आईपीसी की धारा 286 में कार्रवाई करती है। इन धाराओं में एक साल की सजा का प्रावधान है। इसमें थाने से जमानत मिल जाती है। पुलिस आईपीसी की धारा 286 लगाती है जिसमें जोरदार धमाके से कोई चीज उड़ जाने का उल्लेख है। इसमें छह माह तक की सजा है पर थाने से जमान मिल जाती है। आरोपी को जेल भेजना हो तो एसडीएम 151 की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है, जिससे दो-तीन दिन की जेल होती है। अगर धारा 144 के तहत प्रतिबंध हो तो उल्लंघन में 188 के तहत कार्रवाई होती है। इसमें भी अधिकतम 6 माह की सजा है। इसलिए दुकानदार लोगों की जान जोखिम में डालने से डरते नहीं हैं।