ktg news : कोरबा जिले में हो रही पीडीएस चावल की कालाबाज़ारी.. पाली पीडीएस का चावल भरकर निकला वाहन आधी रात पकड़ाया बिंझरा में.. जिम्मेदार खाद्य अधिकारी मौन.
कोरबा/कटघोरा 27 सितम्बर 2024 : प्रदेश में कोई गरीब भूखा न सोए, इसे लेकर राज्य सरकार उन्हें मुफ्त में चावल उपलब्ध करा रही है, लेकिन लचर व्यवस्था की वजह से इन गरीबों के हक में डाका डाला जा रहा है। चावल तस्करी के काले कारनामें कोरबा जिले मे अधिक हो रहे हैं, वही जिम्मेदार अधिकारी व ठेकेदार मिलकर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगा रहे हैं।

एक मामला कटघोरा क्षेत्र मे देखने कों मिला जहाँ रात्रि 1 बजे बिंझरा मे पीडीएस चावल से भरी वाहन बिंझरा मे खड़ी थी ग्रामीणों के द्वारा जानकारी ली गई आखिर चावल से भरी वाहन यहां क्यू खड़ी है संदेह के आधार पर कटघोरा पुलिस व डायल 112 कों सुचना दी गई वही मौके पर पहुंची पुलिस कि टीम ने जांच करते हुए पाया कि चावल से भरा वाहन क्रमांक UP 64 BT 1378 जो कि 26 सितंबर के दिन गुरुवार कों पाली नान गोदाम से 70 कट्टी लोड होकर दो ग्राम पंचायत बांधाखार व नोनबिर्रा के लिए निकला था वही एक ग्राम पंचायत बांधाखार मे कुछ कट्टी उतारी गई लेकिन दूसरा ग्राम पंचायत नोनबिर्रा ना जा कर उक्त वाहन देर रात्रि बिंझरा मे खड़ा होना पाया गया, जहाँ कुछ ग्रामीणों कों चावल कि काला बाजारी करने का संदेह हुआ, संदेह के आधार पर ग्रामीणों द्वारा सुचना दी गई। जहाँ उस वाहन कों कटघोरा थाना लाकर पूछताछ कि गई जहाँ ड्राइवर ने बताया कि पिकप वाहन कोरबा के पीडीएस कांट्रेक्टर देवेंद्र तिवारी का और बिंझरा मे उसका ससुराल है रात्रि काफ़ी होने की वजह से वहां गाडी खड़ा किया था वही कटघोरा पुलिस ने जिला खाद्य अधिकारी कों वाहन सुपुर्द कर दिया।

खाद्य अधिकारी द्वारा नहीं कि गई जांच, संदेह के दायरे मे विभाग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नान गोदाम से निकलने वाले वाहन अपने निर्धारित स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान नहीं जा सकता। वही प्रत्येक वाहनों मे जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रावधान होता है, लेकिन पाली नान गोदाम मे किस तरह मनमानी कि जा रही है इसका सीधा उदाहरण आज देखने कों मिला। उक्त वाहन के मामले कि जांच खाद्य अधिकारीयों द्वारा नहीं कि गई, इससे प्रतीत होता है कि शासन द्वारा गरीबो के लिए भेजे गए चावल कों कॉन्ट्रेक्टर के मिलकर ढकारने का प्रयास किया गया था। वही ग्रामीणों व पुलिस कि सजगता से कालाबाजारी करने वालो कि कोशिशे नाकाम रही, ड्राइवर ने विभाग समेत सक्षम अधिकारी को बचाते हुए अपने ससुराल के घर पर रात्रि विश्राम करने का हवाला दिया गया। लेकिन सवाल यहां यह उठता है कि निर्धारित स्थान में न जाकर आखिरकार वाहन बिंझरा में इतनी रात क्या कर रहा था। और अगर हेराफेरी की भी जाती तो इतनी बड़ी हेराफेरी का मास्टर माइंड कौन है। आखिर कब तक इसी तरह के खेल चलते रहेंगे।
जानकारी लेने जिला अधिकारीयों कों किया गया सम्पर्क, नहीं मिली प्रतिक्रिया
मामले कों निष्पक्ष तरिके से जानने व आमजनताओ तक समाचार के माध्यम से बात पहुंचाने के उद्देश्य से जिला खाद्य अधिकारी से सम्पर्क किया गया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने काल रिसीव करना मुनासिफ नहीं समझा, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग भी इस पुरे मामले मे संलिप्त है, अब देखना ऐ होगा कि ख़बर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन क्या कदम उठाती है।

