कोरबा : बालको प्रबंधन की मनमानी से चोटिया खदान से लगे गांव के किसानों में जमकर आक्रोश.. नाराज किसानों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों को रोका.. मुआवजे की मांग पर अड़े किसान

कोरबा/कटघोरा 27 सितम्बर 2024 : चोटिया माइंस 1 खदान मे राखड़ डंप से किसान काफी परेशान हैं। पिछले 4 वर्षो से खदान से निकलने वाले दूषित जल निस्तार कि परेशानी से जूझ ही रहे थे।अब 2 वर्षो से राखड़ कि भी समस्या आन पड़ी है जिससे कि किसानो के खेतो मे राखड़ जाम हो रहा है, कुछ महीनों पहले ही प्रशासन ने मुवावजे प्रकरण कि प्रक्रिया शुरू कि थी उस प्रक्रिया मे किसानो कों उम्मीद जाग चुकी थी कि अब लम्बे समय से लंबित मुवावजे कि राशि उन्हें मिलने लगेगी। लेकिन वह प्रक्रिया फिर ठंडे बस्ते मे चली गई जिसको लेकर किसानों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाया और चोटिया माइंस 1 मे चल रहे वाहनों कों रोककर विरोध किया।
क्या है पूरा मामला
चोटिया खदान से लगे हुए ग्राम पोड़ीखुर्द के किसान पिछले 5 से 6 वर्षो से खदान से निकलने वाले दूषित जल निस्तार कि समस्या से जूझ रहे हैं दूषित जल कि समस्या तों बरकरार है ही अब 2 वर्षो से एक और समस्या आन पड़ी राखड़ कि, दरसल प्रकाश इंडस्ट्रीज ने इस खदान का टेंडर लिया था तों दूषित जल निस्तार को लेकर किसानों को लगातार मुआवजा दिया जाता था वही प्रकाश इंडस्ट्रीज का टेंडर समाप्त होने के बाद बालको वेदान्ता ने स्वयं खदान अपने हाथ मे ले लिया, जिसके बाद से दूषित जल निस्तार का किसानो को मुआवजा मिलना बंद हो गया। अब चोटिया माइंस 1 मे भारी मात्रा मे राखड़ डंप से निचे प्रभावित किसानों के लहलहाते खेतो मे राख़ड़ पहुच था है, जिससे खेतो की फसले बर्बाद होने के साथ साथ उपजाऊ भूमि भी बंजर होने कि कगार मे है। वही किसान चाहते हैं कि उनके खेतो मे जो नुकसान हुए हैं उन्हें छति पूर्ति दी जाये और दूषित जल निस्तार के साथ साथ राख़ड़ डंप पर भी रोक लगाई जाए। शिकायत के आधार पर मामले मे मूआवजे कि प्रक्रिया कि गई, लेकिन प्रकरण मे देरी होने के चलते आज नाराज किसानो ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों कों रोककर समस्या का समाधान करने कि बात कही, नाराज़ किसानो ने कहा कि ज़ब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक काम शुरू नहीं करने दिया जायेगा।
प्रशासन के नियमों के तहत जारी है मुआवजा कि प्रक्रिया
इस मामले मे स्थानीय प्रशासन नायब तहसीलदार सुमनदास मानिकपुरी से प्रकरण कि जानकारी ली गई जहाँ बताया गया कि किसी भी कार्यवाही के लिए शासकीय प्रक्रिया काफी जटिल होती है हालांकि समय लगता है लेकिन नियम के तहत जो किसानो का हक होता है वह पूरी कि जाती है वही पोड़ी खुर्द के किसानो के परेशानीयों के मामले में शिकायत हुई थी जिसकी प्रक्रिया चल रही है जल्द ही इनकी मांगे पूरी कि जायेगी।
सुमन मानिकपुरी
नायब तहसीलदार, पोंडी उपरोड़ा

