Monday, October 27, 2025
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ktg news : बांगों सरपंच पति की दबंगई.. पंचायत में लाखों के कार्यों का रिकॉर्ड गायब.. बिना दस्तावेज 15 लाख भुगतान करने सचिव पर बना रहा दबाव.

कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 17 दिसम्बर 2024 : पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड का ग्राम पंचायत हमेशा से विवादों मे रहा है, कही सरपंच का पंचो से विवाद तों कभी ग्रामीणों से विवाद, इन उलझनों मे ग्राम का विकास कार्य अधर मे लटक गया।  ग्राम पंचायत बांगो सरपंच ने वर्तमान सचिव कों पूर्व मे हुए कार्यो के भुगतान राशि पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा है। सचिव ने राशि भुगतान पर सहमति तों जताई लेकिन बिना रिकार्ड देखें किसी कार्य का भुगतान नहीं करने की भी बात कही। जिसे लेकर ग्राम पंचायत बांगों के पंचो ने जनपद सीईओ कों शिकायत को। शिकायत मे बताया गया की सरपंच द्वारा मनमानी तरिके से 15 लाख रूपये राशि भुगतान करने का दबाव वर्तमान सचिव पर बनाया जा रहा है वही बिना जांच किये राशि भुगतान नहीं करने का पंचो ने सीईओ से निवेदन किया है।

2011 से कार्यो का रिकार्ड नहीं, लेकिन 15 लाख का भुगतान करें.

आपको बता दे की वर्तमान मे बांगो सरपंच धनकुंवर के द्वारा ये कहा जा रहा है की वर्ष 2011 से उनके कुछ कार्यो की राशि पंचायत फंड में भुगतान नहीं किया गया है जोकि सरपंच के मुताबिक लगभग 15 लाख की राशि है। जिसे लेकर सरपंच द्वार सचिव के हस्ताक्षर से वर्तमान मे पंचायत फंड से उक्त राशि की भुगतान करने की बात कही जा रही है। जबकि मामले मे ना ही कार्यों की सूची है और ना ही कार्यों का रिकार्ड, ऐसे मे राशि का भुगतान करना पंचायत के विकास कार्यों कों प्रभावित करने का संदेश देता हैं।

जनपद अधिकारी की जांच में नही पाया गया पंचायत में कोई रिकॉर्ड

जांच अधिकारीयों मे सी. बी. सिंह (करारोपण अधिकारी),  प्रमोद भगत (ado),  लाल देव भगत (संकाय सदस्य) ने बताया की बांगो सरपंच के द्वारा वर्ष 2011 से लगभग 15 लाख रुपय का भुगतान करने की बात कहीं जा रही है, जबकि सरपंच के पास उक्त कार्यो का कोई भी रिकार्ड व दस्तावेज नहीं प्राप्त हो सका हैं। जांच दल ने बताया की सरपंच द्वारा राशि भुगतान की मांग कों लेकर जितने सचिव बांगो पंचायत में नियुक्त हुए थे उन सभी 9 सचिव कों भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन उनके पास भी किसी प्रकार का रिकार्ड नही पाया गया। बताया जा रहा है की सन 2020 से 2024 तक के ही रिकार्ड हैं उसके पहले के कोई रिकार्ड ही नहीं हैं, जोकि पूरी तरह से लापरवाही दर्शाता है की सरकारी दस्तावेजो मे हेराफेरी की गई। सरपंच द्वारा 2011 से ग्राम पंचायत बांगों में  कोई भी कार्य काराये जाने का रिकार्ड ही नहीं है ऐसे मे कौन से वर्ष मे क्या काम कराया गया इसकी सरपंच कों भी जानकारी नहीं है।

राशि भुगतान करने वर्तमान सचिव पर बनाया जा रहा दवाब, दी धमकी

भुगतान पर हस्ताक्षर करने वर्तमान सचिव पर दबाव बनाया जा रहा। वही सरपंच की बात नहीं मानने वाले सचिव कों झूठे मामलो मे फसा देने की भी बात सामने आ रही है, ग्राम पंचायत के विकास कार्य उन्ही उलझनों मे लटका हुआ है ना कार्य आगे बढ़ रहा और न प्रगति कर रहा है। ऐसे मे इन समस्याओं कों देखते हुए ग्रामीणों कों ग्राम पंचायत में शासन के तमाम योजनाओं से जुड़े हुए कार्यो का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। वही अधिकारीयों के भी कार्य शैली पर सवाल खड़ा होता है की आखिर इस मामले में जांच कर ग्रामीणों के हित मे कोई समाधान क्यों नहीं निकाला जा रहा। अगर कार्यों के रिकार्ड नहीं है तों जांच प्रतिवेदन पंचानामा बनाकर सीईओ समक्ष पेश करते ताकि विकास कार्यों की गतिविधि आगे सुचारू रहे। सूत्र बताते हैं की ग्राम पंचायत सरपंच पुराने रिकार्ड के फर्जी दस्तावेज जुटाने मे लगा हुआ है ऐसे मे अधिकारीयों के भी सरक्षण देने की बात सामने आ रही है।